Let's begin, friends. If you also want to achieve something big in this life, something you dream of but not everyone can achieve, there is a significant reason behind it—upbringing.
चलो दोस्तों, शुरू करते हैं। अगर आप भी इस ज़िंदगी में कुछ बड़ा करना चाहते हैं, जो आप सोचते हैं मगर हर कोई नहीं कर सकता, तो इसके पीछे एक बड़ी वजह होती है—परवरिश।
When a child is raised in an environment of poverty, they have to face many sorrows and hardships in life. And the biggest reason behind it is—money.
जब एक बच्चे की परवरिश एक ग़रीबी के माहौल में होती है, तो उस बच्चे को ज़िंदगी में काफ़ी दुख और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। और इसका सबसे बड़ा कारण है—पैसा।
Today, I'm going to tell you a true story of a person, someone you probably haven't seen on any online platform or heard about before.
आज मैं आपको एक ऐसे इंसान की असली कहानी बताने जा रहा हूँ, जिसे शायद आपने न तो किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर देखा होगा और न ही कभी सुना होगा।
This is not the story of a millionaire but of a "kharabpati" (a person with ruined fortune) who started multiple businesses, yet never succeeded even once. But how did this person become a "kharabpati"?
ये कहानी एक करोड़पति नहीं, बल्कि "खराबपति" इंसान की है जिसने एक नहीं, बल्कि कई बिज़नेस किए और एक बार भी सफल नहीं हुआ। लेकिन फिर वो इंसान "खराबपति" कैसे बना?
Would you like to know? This person, who today has the power to buy all the wealth in the world, the one you see today.
क्या आप जानना चाहेंगे? वो इंसान जिसके पास आज दुनिया की सारी संपत्ति खरीदने की ताकत है, जिसे आप आज देखते हैं।
But still, he is far from the most essential happiness in life. He has so much money that he can make every person in India a millionaire. Yet, why doesn't the government have any record of him?
मगर फिर भी ज़िंदगी के सबसे जरूरी सुख से बहुत दूर है। उसके पास इतना पैसा है कि वो पूरे भारत में हर इंसान को करोड़पति बना सकता है। फिर भी सरकार के पास आज तक उसका कोई रिकॉर्ड क्यों नहीं है?
In reality, this is the story of a person who measured success only in terms of money.
असल में, ये कहानी उस इंसान की है जिसने सफलता को सिर्फ़ पैसे से नापा।
Every time he faced failure, he didn't think about what went wrong, but instead, he blamed the circumstances around him.
हर बार असफलता मिलने पर उसने ये नहीं सोचा कि कहां गलती हुई, बल्कि हर बार उसने अपने आस-पास के हालातों को दोष दिया।
He never questioned himself about what he might be doing wrong. For him, every failure could have been a new lesson, but he only saw it as another defeat.
उसने कभी खुद से सवाल नहीं किया कि आखिर वो क्या गलत कर रहा है। उसके लिए, हर असफलता एक नई सीख हो सकती थी, मगर उसने उसे सिर्फ़ एक और विफलता के रूप में देखा।
When a person continuously fails, their inner confidence begins to break.
जब एक इंसान लगातार असफल होता है, तो उसके अंदर का विश्वास टूटने लगता है।
The same happened with this person. He started new businesses, but instead of working hard with heart, he always tried to earn money quickly.
यही हुआ इस इंसान के साथ भी। उसने नए-नए बिज़नेस शुरू किए, मगर उनमें दिल से मेहनत करने के बजाय उसने हमेशा जल्दी-जल्दी पैसा कमाने की कोशिश की।
Each time, his patience and hopes diminished, and eventually, he started calling himself a "kharabpati."
हर बार उसका धैर्य और उम्मीदें कम होती गईं, और आखिर में वो खुद को "खराबपति" कहने लगा।
But friends, is this really the end of his story?
लेकिन दोस्तों, क्या ये सचमुच उसकी कहानी का अंत है?
Did he ever realize that true success isn't just in money, but in the dreams we live?
क्या उसने कभी ये समझा कि असली सफलता सिर्फ़ पैसों में नहीं, बल्कि उन सपनों में है जिन्हें हम जीते हैं?
Did he manage to rekindle the lost hopes within himself?
क्या वो अपने अंदर की खोई हुई उम्मीदों को फिर से जगा पाया?
Did he learn what he should have learned all along?
क्या उसने वो सीखा जो उसे कभी सीखना चाहिए था?
To find out the answers, wait for the next part, where we'll uncover what this person learned from his failures and how he restarted his life.
इसकी आगे की कहानी जानने के लिए इंतजार कीजिए अगले भाग का, जहां हम जानेंगे कि इस इंसान ने अपनी असफलताओं से क्या सीखा और कैसे उसने अपनी ज़िंदगी को नए सिरे से शुरू किया।
अगला भाग जल्द ही आएगा...
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