दोस्तों वक़्त क्यु इतनी तेज़ी से निकलता है कबि जो लोग साथ हुआ करते थे आज वो कहा है और हम कहा है !
कबि सोचा है अच्छा वक्त में वो सभी साथ होते थे मगर थोड़े से हालात क्या बदलने लगे की जो लोग कबि अपने हुआ करते थे वो अब फ़ोन उठा तक पसंद नहीं करते मगर क्यू ?
अच्छे वक़्त में उन सभी लोगो को आँख बंद कर के भरोसा होता था मगर आज वक़्त बदलने के बाद अपने जीवन साथी तक को भरोसा ना रहा अपने हमसफ़र पर !
अच्छे वक़्त में वो सभी भाई अपने होते थे जिनके साथ भाई चारा दिखाना अच्छा लगता था मगर पिता के जाने के बाद वही सब चाचा ताऊ मामा दादा दादी की नजर में हम क्यु चुभने लगते है कबि सोचा है ?
इस वक़्त किया करना ठीक रहेगा जो आप का आने वाला वक़्त बिलकुल वैसा ही रहे जैसा आज है !
यहाँ एक बुक नहीं बल्कि एक दरपंड है जिस में देख कर आप आज मुज्ज से बात करने जा रहे हो !
में वो हु जो वक्त्त वक़्त पर सब के वक़्त पर काम आया हु ! मगर मेरे वक़्त पर कौन काम आया ?
जी में वोही हु जो अपने से ज्यादा दुसरो के काम आया हू ! मगर मेरे काम कौन आया ?
जी में वो हू जो अपने मुँह का रोटी का निबला किसी जरूरत मंद को दान करने वाला हु ! मुज्ज को कोई क्यों दान नहीं देता ?
दुंनिया के बुरे वक़्त में अपनी जेब के सरे पैसे देने]वाला बाँदा हु में ! मगर मेरे वक़्त पे क्या हुआ !
भक्ति भावना करने के लिये सब मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च जाता हु में ! फिर भी मेरे काम किसी की दुआ तक कामना आई क्यू !
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